मुंबई: पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री दफ्तर (सीएमओ) ने बयान जारी किया है. इस बयान में कहा गया है कि जिस ईमेल आईडी से परमबीर सिंह संपर्क करते थे उससे ये चिट्ठी नहीं आई है. चिट्ठी पर परमबीर सिंह के दस्तखत भी नहीं है. हम जांच कर रहे हैं. बयान में कहा गया है कि शनिवार को शाम 4 बजकर 37 मिनट पर परमबीर सिंह के नाम का एक खत मुख्यमंत्री सेक्रेटेरिएट को मिला.
मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया, “परमबीर सिंह की तरफ से आज शाम 4:37 पर एक दूसरे ईमेल एड्रेस से खत मिला, जो ऑफिशियल नहीं है और उस पर उनके हस्ताक्षर भी नहीं थे. नए ईमेल एड्रेस की जांच की जरूरत है. गृह मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है.”
Letter from Param Bir Singh was obtained at 4:37 pm at the moment by way of a distinct e mail deal with, not his official one & was with out his signature. The new e mail deal with must be checked. Home Ministry is making an attempt to contact him for a similar: Chief Minister’s Office, Maharashtra
— ANI (@ANI) March 20, 2021
जानकारी के मुताबिक, पूर्व पुलिस कमिश्नर ने जो खत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा है उस पर परमबीर सिंह के दस्तखत नहीं हैं. ये खत परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के राज्यपाल को भी लिखा है. इस चिट्ठी के सामने आने के बाद महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की सरकार घिर गई है और गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है.
राजनीतिक घमासान के बीच खास बात ये है कि इस कांड के केंद्र में भी मुंबई पुलिस के वो ही इंस्पेक्टर सचिन वाजे आए है जो एंटीलिया विस्फोटक केस के मामले में पहले से ही एनआईए की गिरफ्त में हैं. दसअरल, परमीर सिंह ने अपने खत में दावा किया कि सचिन वाजे को ही 100 करोड़ रुपये के फंड का जुगाड़ करने का टारगेट दिया गया था. जब ये टारगेट सचिन वाजे को दिया गया तो उन्होंने कहा कि ये तो बहुत ज्यादा है. सचिन वाजे ने कहा कि वो 40 करोड़ रुपये तक का टारगेट पूरा कर सकते हैं. चिट्ठी के मुताबिक, 100 करोड़ रुपये का टारगेट पूरा करने के लिए अनिल देशमुख ने दूसरे तरीके इजाद करने के लिए कहा.
परमबीर सिंह ने अपने खत में आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाया करते हैं और उन्हें बार, रेस्तरां और दूसरे जगहों से वसूली का टारगेट देते हैं. वहीं इस पूरे मामले पर एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह सचिन वाजे मामले में खुद को बचाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं.
बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटक वाले स्कॉर्पियो पाए जाने से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इस हफ्ते की शुरूआत में सीनियर आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह का तबादला कर होमगार्ड में भेज दिया गया था.
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